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सोमवार, 2 सितंबर 2024

FIFA, Football & Human Rights(In Hindi)-फीफा, फुटबाल और मानवअधिकार

फीफा से संबंधित एक छवि जिसमें अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी मैदान पर खेलते हुए दिख रहे हैं|
Source : Pixabay

परिचय :  फीफा, फ़ुटबाल की चमक और क्रिस्टियानो रोनाल्डो

फ़ुटबाल केवल एक खेल नहीं बल्कि यह खेल प्रेमियों के लिए एक जूनून है जोकि दुनिया के सबसे प्रभावशाली खेलों में से एक है | इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फ़ुटबाल खेल से ताल्लुक रखने वाले पुर्तगाली फुटबॉलर, क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने 'UR Cristiano' नामक अपने यू ट्यूब चैनल का 21 अगस्त, 2024  को उदघाटन किया| 

जिसकी घोषणा के कुछ समय बाद ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 50 मिलियन का आंकड़ा छूने के साथ ही कई रिकॉर्ड तोड़ दिए तथा अभी और रिकार्ड टूटने की उम्मीद बरक़रार है |

फ़ुटबाल का खेल ताकत, उपयुक्तता, ध्यान और चतुराई का खेल है | इस खेल में 7 से 11 खिलाड़ी हो सकते हैं |यह 90 मिनट का खेल होता है| 

इसमें जैसे जैसे समय बढ़ता जाता है वैसे वैसे ,रोष और रोमांच बढ़ता जाता है यहाँ तक कि खेल का अंतिम क्षण भी उत्साह और रोमांच से लबालवऔर सराबोर होता है | 

इस खेल में बॉल को विपक्षियों से बचाते हुए गोल मरने की खुशी और रोमांच न सिर्फ खिलाड़ियों के लिए अद्भुत और अभूतपूर्व होता है बल्कि दर्शकों के लिए भी यह किसी रोमांच से कम नहीं होता है| 

विश्वकप के लिए पहली मर्तबा प्रतियोगिताओं का आयोजन वर्ष 1930 में किया गया था | फुटबॉल का विश्वकप हर 4 वर्ष बाद आयोजित किया जाता है | भारत में फूटबाल के मुकाबले क्रिकेट(Cricket) को अधिक तबज्जो दी जाती है | 

अखिल भारतीय महासंघ भारत में फ़ुटबाल  के खेल को नियंत्रित करता करता है | 

पुरुषों की राष्ट्रीय टीमों का टूर्नामेंट फ़ुटबाल का विश्वकप कहलाता है | इस विश्वकप द्वारा फ़ुटबाल खेल के विश्व चैंम्पियन का निर्धारण किया जाता है | 

अनुमान है कि यह विश्व का सर्वाधिक लोकप्रिय आयोजन होता है जिसे विश्व भर में अरबों लोग मोबाइल फ़ोन या  टेलीविज़न के माध्यम से देकते है | 

FIFA Word Cup में मजदूरों के मानव अधिकारों की स्थति 

दुनियाभर में कई देश फ़ुटबाल के विश्वकप की मेजबानी के लिये दशकों पहले से ही तैयारी करना प्रारम्भ करने लगते हैं क्यों कि इसके आयोजन के लिए विशालकाय मूलभूत ढांचे का निर्माण करना पड़ता है जिसमे लाखों मजदूरों का श्रम लगता है | 

FIFA Word Cup और मानव अधिकार  

अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार घोषणाएं सयुंक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों के लिए अपने यहां नीति निर्धारण में सिद्धांतों के रूप में उपयोग करने के लिए मार्गदर्शक का काम करते हैं | इनका पालन करना सदस्य देशों के लिए आवश्यक नहीं है | 

लेकिन अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार प्रसंविदाए या संधियाँ क़ानून का रूप लिए होती है इसलिए उनका पालन करना सदस्य देशों के लिए प्रतिबद्धता के रूप में होता है | 

इसी प्रकार विभिन्न सदस्य देशों के अधीन कार्य करने वाली सरकारी संस्थाओं और पंजीकृत संस्थाओं के लिए भी मानव अधिकारों का सम्मान करना अंतराष्ट्रीय समुदाय के प्रति एक जिम्मेदारी होती है | 

वर्तमान में गरिमा मानवीय जीवन में अत्यधिक उच्च स्थान रखती है | एक व्यक्ति की गरिमा बनाये रखने के लिए दूसरे व्यक्ति या समूह या समाज को उसके मानव अधिकारों का सम्मान करना उसका कर्तव्य है | 

मानव अधिकारों के उल्लंघन की स्थति में उनका सम्मान, संरक्षण और उनकी पूर्ति राज्य के उत्तरदायित्वों के अधीन आता है | 

मानव अधिकार प्रकृति में सार्वभौमिक है अर्थात ये विश्व भर के सभी प्राणी मात्र पर लागू होते है, चाहे वे किसी धर्म, जाति, नस्ल, वंश, मूल, भाषा, क्षेत्र, लिंग या लैंगिक झुकाव से ताल्लुक रखते हों |  

FIFA और  उसकी मानव अधिकार सम्बन्धी नीति   

फीफा, अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबाल की सर्वोच्च संघ है | फीफा अंतराष्ट्रीय स्तर पर फ़ुटबाल  के  संगठन और सञ्चालन का कार्य देकने वाले निकाय के रूप में जिम्मेदारी उठाता है | 

लेकिन क्या फीफा की जिम्मेदारी केवल खेल के मैदान तक सीमित हैं, या यह निकाय इससे परे जाकर सामाजिक और मानवाधिकार सम्बन्धी जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करता है ? 

हां ,इसी सन्दर्भ में फीफा की मानव अधिकार समन्धित नीति महत्वपूर्ण  हो जाती है | फीफा की मानव अधिकार सम्बंधित नीति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि फ़ुटबाल के आयोजन के दौरान कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के मानवअधिकारों का उल्लंघन झेलने की स्थति में न आये तथा सभी के मानव अधिकारों का सम्मान हो |

फीफा द्वारा मानव अधिकार संरक्षण और संवर्धन के लिए अपने संविधान में  मानव अधिकारों  का सम्मान करते हुए स्थान दिया गया है | 

जिसके परिणाम स्वरुप फीफा द्वारा मानव अधिकार नीति का निर्माण किया गया जिसका उद्देश्य उसके आयोजनों में मानवाधिकारों के सम्मान, संरक्षण, और प्रतिपूर्ती को सुनिचित करना है | 

वर्ष 2016 से फीफा ने अपने सभी संचालनों और संबंधों में मानव अधिकारों के प्रति सम्मान स्थापित करने के लिए रणनीतिक कार्यक्रम बनाये | फीफा अधिनियम के अनुछेद ३ में उक्त जिम्मेदारियों को समाहित किया गया है |

फीफा प्रतिस्पर्धायें और उसकी मानवाधिकार नीति

फीफा प्रतिस्पर्धाओं के सम्बन्ध में फीफा की मानवाधिकार नीति में निम्न लिखित उपाय शामिल हैं :-

प्रतिस्पर्धाओं  के लिए लगाईं जाने वाली बोली प्रक्रियाओं में मानव अधिकार आवश्यकताओं को समाहित करना | मेजबानी के बाद श्रमअधिकार ,भेदभाव विरोध ,प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वंत्रता जैसे विषयों को समाहित करते हुए  घटना विशिष्ट से सम्बंधित मानव अधिकार सम्बन्धी जोखिम का आँकलन और जोखिम शमन के लिए प्रभावी रणनीति का निर्माण करना | 

शिकायत तंत्र की स्थापना और उसका क्रियान्वयन करना और जहाँ नियमानुसार कार्य न हुया हो वहां सुधार सुनिश्चित करने के लिए कार्य करना | उचित सावधानी से उठाये गए कदमो की रिपोर्टिंग करना | 

FIFA  वर्ल्डकप और भेदभाव विरोधी कार्य योजना 

फीफा द्वारा फ़ुटबाल के संचालन और विकास में उसकी भूमिका के रूप में कुछ प्रयास किये गए जो निम्नवत है :- भेदभाव विरोधी कार्य योजनाओं के निर्माण और उसके क्रियान्वयन पर कार्य करना | दिव्यांग फूटबाल के लिए अपने सदस्य संघों के साथ कार्य करना | अपने सदस्य संघों को विकास निधि के प्रावधान के लिए मानव अधिकार सम्बन्धी मानदंडों को एकीकृत करना |

खिलाड़ियों और खेल में शामिल अन्य लोगों के अधिकारों के प्रति सम्मान को प्रासंगिक विनियमों के तहत शामिल करना | इस क्षेत्र में कार्य करने के दौरान फीफा बाह्य मानव अधिकार हित धारकों के साथ निकटता से जुड़ता है और सहयोग करता है | 

फीफा की मानव अधिकार पहुँच स्पष्ट है कि वह अपने  क्रियाकलापों के सञ्चालन और संबंधों के दौरान मानव अधिकारों का सम्मान करने की जिम्बेदारियों का निर्वहन करता है | फीफा अपनी गतिविधियों से प्रभावित होने वाले प्रत्येक व्यक्ति की अंतर्निहित गरिमा और उसके मानव अधिकारों के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है | 

फीफा किसी भी प्रकार के भेदभाव को अपनी मानवाधिकार निति के विरुद्ध मानता है | फीफा अंतराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सभी मानव अधिकारों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इन अधिकारों के संरक्षण के बढ़ावा देने के लिए  प्रयास करेगा | 

Global Footbaal Events और Migrant Worker's Rights- FIFA का Test   

यद्यपि एमनेस्टी इंटरनेशनल के आर्थिक और सामाजिक न्याय प्रमुख, स्टीव कॉकबर्न ने फीफा वर्ल्ड कप ,2022 (क़तर ) में  हुए श्रमिकों (Migrant Worker) के मानव अधिकारों के उल्लंघन के सम्बन्ध में कठोर आलोचना की और कहा कि ,"टूर्नामेंट समाप्त होने के कई महीने गुजरने के बाद भी फीफा और कतर की सरकार  द्वारा  दुर्व्यवहार के शिकार श्रमिकों के लिए न्याय और मुआवजा दिलाने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाये |"

भविष्य में FIFA के लिए यह Test चुनौती भरा होगा | जो वास्तव में शरणार्थी मजदूरों के मानवाधिकारों  के उलंघन की पुनराबृति को रोकेगा | 

FIFA,खिलाड़ी और भेदभाव पूर्ण व्यवहार (Discrimination)

फीफा की रिपोर्ट्स से खुलासा हुआ कि फ़ुटबाल से जुड़े हुए अनेक खिलाड़ियों को आनलाइन भेदभाव पूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ता है | जो कि खिलाड़ियों की  मानसिक सेहत और उनके  मानवाधिकारों के लिए गंभीर चुनौती है | 

फीफा विश्व फ़ुटबाल की नियामक संस्था ने वर्ष 2022 के विश्वकप के दौरान ऑनलाइन घृणास्पद भाषा और  भेदभाव पर रोक लगाने के लिए एक नई सोशल मीडिआ प्रोटेक्शन सेवा प्रारम्भ की | यह सेवा खिलाड़ियों के विरुद्ध की जा रही अभद्र भाषा की टिप्णियों और भेदभाव को उन तक पहुंचने में बाधा पैदा करने का कार्य करती थी | 

मैदान के बाहर की लड़ाई :Footbaal, FIFA  और Human Rights केंद्रित निगरानी प्रक्रिया 

इसमें प्रावधान किया गया कि फीफा, विश्व कप में खेलने वाले सभी खिलाड़ियों के सोशल मीडिया खातों की निगरानी करेगा, उनके साथ  होने वाले भेदभावपूर्ण और धमकी भरे टिप्पणियों और सार्वजनिक रूप से अपमानित करने वाले भाषण  की जांच करेगा, तथा फिर उन्हें सोशल नेटवर्क पर रिपोर्ट करेगा जिससे उन्हें समय से हटाया जा सके इसके अतिरिक्त क़ानून का भी सहारा लिए जाने का प्रावधान किया गया | 

फीफा फ़ुटबाल के जरिये अधिक समानता वाले समाज का निर्माण और संवर्धन के लिए पूर्व खिलाड़ियों और अंतरास्ट्रीय एवं राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों ,मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ,वैश्विक और क्षेत्रीय प्राधिकरणों तथा सरकार के साथ काम कर रहा है | फीफा लोगों के जीवन में सुधार के लिए विश्व भर में फीफा फाउंडेशन और सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों के जरिये कार्य करता है | फीफा के ये सभी कार्य मानवाधिकारों से सरोकार रखते है | 

FIFA और लैंगिक भेदभाव(Gender Discrimination)की निगरानी

फीफा बिना किसी लैंगिक विभेद के महिला फ़ुटबाल खिलाड़ियों को भी विश्वस्तर पर खेलने के सामान अवसर प्रदान करता है | महिलाओं की राष्ट्रिय फ़ुटबाल टीमों के लिए पुरुषों के सामान टूर्नामेंट महिला विश्वकप माना जाता है | 

अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार घोषणाओं और प्रसंविदाओं में लिंग के आधार पर महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार के विभेद को प्रतिषेधित किया गया है | 

फीफा महासचिव फातमा समौरा ने लैंगिक समानता पर चर्चा करने के लिए इक्वलाइज़: द स्टेट ऑफ़ प्ले इवेंट कार्यक्रम में हिस्सा लिया | 

यह कार्यक्रम प्रश्न उत्तर सत्र के रूप में था तथा फीफा महिला विश्व कप ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड 202३ टूर्नामेंट के दौरान एओटेरोआ न्यूजीलैंड में आयोजित किया गया था| यह वैश्विक स्तर पर खेल, व्यवसाय, संस्कृति और समाज में महिलाओं की भूमिका तथा लैंगिक समानता लाने में न्यूजीलैंड की भूमिका को प्रदर्शित करने के लिए किया गया था|

इस कार्यक्रम में समौरा ने 2023 टूर्नामेंट की सफलता को समावेशी और अप्रत्याशित बताया| महिला मानवाधिकार संवर्धन के लिये पुरुषों के साथ समानता के स्तर पर उन्हें वैश्विक टूर्नामेंट में हिस्सेदारी देना महत्वपूर्ण समावेशीकरन है| 

इससे स्पस्ट हो जाता है कि फीफा व्यवहारिक रूप में महिलाओं को भी उतनी ही तवज्जो देता है जितनी तव्वज्जो महिलाओं को अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार सिद्धांतों और विधि में प्रदान की गयी है | 

स्पोर्ट्स एंड राइट्स अलायन्स की निदेशक एंड्रिया फ्लोरेंस का भविष्य में कराये जाने वाले  फ़ुटबाल के विश्वकप की मानवाधिकार चिंताओं के सन्दर्भ में कहना है कि इससे पहले कि फीफा किसी टूर्नामेंट को पुरस्कृत करे, फीफा को  बाध्यकारी मानव अधिकार संधियों को सुनिश्चित करना चाहिए जो श्रमिकों ,स्थानीय निवासियों ,खिलाड़ियों और प्रशंसकों का संरक्षण करें | 

निष्कर्ष : खेल के नाम पर इन्साफ FIFA और Human Rights के लिए चुनौती

फीफा की एक महत्वपूर्ण पहल थी जिसमे मार्च 2017 में स्वतंत्र फीफा मानवाधिकार सलाहकार बोर्ड स्थापित किया गया जो शायद अब अस्तित्व में नहीं है | 

जबकि भविष्य में होने वाले फुटबाल के हर विश्वकप में श्रमिकों, खिलाड़ियों, स्थानीय निवासियों, प्रशंसकों के मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए स्वतंत्र फीफा मानवाधिकार सलाहकार बोर्ड की अधिक आवश्यकता होगी |

फीफा द्वारा मानव अधिकार निति की घोषणा के बाबजूद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने फीफा के वर्ष 2030 और 2034 में होने वाले फ़ुटबाल विश्वकप में अनुमानित मानव अधिकार उल्लंघन पर चिंता जाहिर की है तथा उसे रोकने के उपाय सुनिश्चित करने का आह्यवान किया है | 

फीफा को कागजो पर अपनी मानवाधिकार नीति और उसके वास्तविक क्रियान्वयन के बीच के अंतर को समाप्त करना होगा तभी वास्तविक मायने में मानव अधिकार सिद्धांतों  और कानूनों का वास्तविक रूप में सम्मान हो सकेगा | 

खेल के नाम पर इन्साफ आवश्यक है | यह FIFA और मानव अधिकारों के लिए एक गंभीर चुनौती है देखना यह है कि FIFA  इन चुनौतियों से भविष्य में कैसे निपटने जा रहा है |


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ's):- 

प्रश्न :क्या फीफा की मानव अधिकारों से संबंधित कोई निति है ?

उत्तर :हां ,जिसमे वह मानवाधिकार सम्बंधित जोखिमों की पहचान करता है, उनका मूल्यांकन करता, उसके शमन  के लिए रणनीति बनाता हैतथा उस पर अमल व उसका क्रियान्वयन करता है | 

 प्रश्र : अब तक का सबसे महँगा फुटबाल विश्वकप  आयोजन कौन सा रहा है ?

उत्तर :कतर विश्व कप,2022 : अब तक का सबसे महंगा विश्व कप आयोजन रहा है | 

प्रश्न :क्या महिला फुटबाल विश्व कप  का भी आयोजन होता है ?

उत्तर :हाँ | 

प्रश्न :फीफा महिला विश्व कप ,२०२७ का मेजवान किस देश को चुना गया है? 

उत्तर : ब्राजील | 

प्रश्न :फीफा (FIFA) क्या है ?

उत्तर : फीफा(Fédération Internationale de Football Association फ्रेंच भाषा में अर्थात  "फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय महासंघ") एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो पूरी दुनिया में फुटबॉल मैचों और टूर्नामेंट्स को संचालित और आयोजित करती है। 

प्रश्न : फीफा वर्ल्ड कप कितने साल में एक बार होता है?

उत्तर : ओलम्पिक की तरह फीफा वर्ल्ड कप हर 4 साल में एक बार होता है। ये फुटबॉल का सबसे बड़ा उत्त्सव माना जाता है | 

प्रश्न : कौन-कौन सी टीमें फीफा वर्ल्ड कप खेलती हैं?

उत्तर : दुनिया भर की 48 राष्ट्रीय टीमें 2026 से वर्ल्ड कप में हिस्सा लेंगी। 

प्रश्न : अर्जेंटीना की फुटबॉल टीम मशहूर क्यों है?

उत्तर : डिएगो माराडोना और लियोनेल मेसी जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के चलते अर्जेंटीना की टीम को फुटबॉल की दुनिया में खास जगह मिली  हुई है। इनकी खेलने की शैली और जुनून  की पूरी दुनिया दीवानी है |

प्रश्न : FIFA वर्ल्ड कप अर्जेंटीना ने कितनी बार जीता है?

उत्तर : अर्जेंटीना ने  वर्ष 1978 ,1986  तथा 2022 में अब तक 3 बार FIFA वर्ल्ड कप जीता है| 

प्रश्न : क्या अर्जेंटीना  आक्रामक फ़ुटबाल खेलती है ?

उत्तर : हाँ, अर्जेंटीना की टीम आमतौर पर आक्रामक फुटबॉल खेलती है। 

 #INDvsWI #FIFA #मानवाधिकार #फुटबॉल #HumanRights #SportsForChange # Word Cup 


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