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गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025

नया ड्रोन कानून 2025 : भारत में प्रमुख बदलाव और जिम्मेदारियाँ

ड्रोन टेक्नोलॉजी का सुरक्षा, आपदा, ट्रेफिक, डिलीवरी, मनोरंजन, कृषि,सर्वेक्षण और फिल्म निर्माण आदि क्षेत्रों में तेजी से विस्तार
Source: Picture click by Prafull Gautam
परिचय 

भारत में ड्रोन टेक्नोलॉजी का सुरक्षा, आपदा, ट्रेफिक, डिलीवरी, मनोरंजन, कृषि,सर्वेक्षण और फिल्म निर्माण आदि क्षेत्रों में तेजी से विस्तार हो रहा है| 

लेकिन दिन पर दिन इसके बढ़ते प्रसार और लोकप्रियता के चलते संचालन के खतरे और जोखिम भी सामने आये हैं, जैसे कि सुरक्षा को ख़तरा ,गोपनीयता के उलंघन का ख़तरा तथा हवाई क्षेत्र में अव्यवस्था फैलाने का ख़तरा | इन्हीं चुनौतियों को संबोधित करने के उद्देश्य से प्रस्तावित नए ड्रोन क़ानून को लाया गया है।  

यद्धपि भारत में पहले से ही ड्रोन नियम 2021 उपलब्ध हैं | लेकिन उक्त खतरे और चिंताओं को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार ने सिविल ड्रोन (संवर्धन और विनियमन) विधेयक, 2025 को प्रस्तुत किया है |

जिसे जनता के सुझावों के लिए खोला गया है | शीतकालीन सत्र में इसे लोकसभा में प्रस्तुत किये जाने की उम्मीद है | इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नए  विधेयक में क्या है ? 

पुराने ड्रोन नियमों में क्या बदलाव आये हैं तथा यह बदलाव आम ड्रोन उपयोगकर्ता ,संचालक, उत्पादक और दुर्घटना की स्तिथि में पीड़ित को कैसे प्रभावित करेगा | 

किस -किस व्यक्ति पर लागू होगा नया ड्रोन कानून 2025 ?

कोई भी व्यक्ति जो भारत में किसी मानवरहित विमान प्रणाली(ड्रोन) का स्वामी या धारक है, या निर्यात, आयात, डिजाइन, विकास, निर्माण, व्यापार, पट्टे पर देने, संचालन, प्रशिक्षण, हस्तांतरण या रखरखाव में लगा हुआ है।

किस प्रकार के ड्रोन पर लागू नहीं होगा नया ड्रोन कानून 2025 ? 

नए ड्रोन कानून के प्रावधान 500 किलोग्राम से अधिक भार वाले मानवरहित विमान प्रणालियों(ड्रोन) पर लागू नहीं होंगे। 

ऐसी मानवरहित विमान प्रणालियाँ भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के प्रावधानों द्वारा शासित होंगी।

भारत के नए ड्रोन कानून 2025 में नया क्या है ?

नए ड्रोन विधेयक में वर्ष 2021 के ड्रोन नियमो के मुकाबले कई बदलाब किये गए हैं | ये बदलाव वर्तमान परिस्थतियों  की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए किये गए हैं | 

इन बदलावों में ड्रोन व्यवसाय को बढ़ावा देने से लेकर ड्रोन से प्रभावित व्यक्ति को किसी छति की अवस्था में मुआवजे का भी प्रावधान शामिल है | 

यदि आप ड्रोन से किसी भी रूप में जुड़े हैं या जुड़ना चाहते है तो आपको नए कानून में आए बदलावों से अवश्य अवगत होना चाहिए | 

ड्रोन का डिजिटल स्काई पंजीकरण हुआ आज्ञापक

नया ड्रोन विधेयक कहता है कि मानव रहित विमान प्रणाली(Unmanned Aircraft System)(ड्रोन) को  DGCA  द्वारा Unique Identification Number (UIN)  न दिए जाने तक स्वीकृति नहीं दी जाएगी |अर्थात हर ड्रोन का पंजीकरण आवश्यक कर दिया गया है | 

UINअर्थात विशिष्ट पहचान संख्या के बिना किसी भी ड्रोन का हस्तानांतरण, खरीद -फरोख्त और संचालन नहीं किया जा सकता है | ड्रोन के पंजीकरण के लिए DGCA की वेबसाइट https://digitalsky.dgca.gov.in/home पर संपर्क किया जा सकता है | 

ड्रोन प्रकार प्रमाणन हुआ आज्ञापक

ड्रोन निर्माताओं को नए क़ानून के तहत DGCA  से ड्रोन प्रकार प्रमाणन लेना आवश्यक अवं आज्ञापक है |
Source: Prafull Gautam

ड्रोन निर्माताओं को नए क़ानून के तहत DGCA  से ड्रोन प्रकार प्रमाणन लेना आवश्यक अवं आज्ञापक है | 

कोई भी व्यक्ति किसी भी मानवरहित विमान प्रणाली का निर्माण या संयोजन नहीं करेगा, बिक्री के लिए पेशकश नहीं करेगा, चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइन, या अन्यथा हस्तांतरित या हस्तांतरित करने का कारण नहीं बनेगा, जब तक कि उसके पास नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा जारी प्रकार प्रमाणपत्र न हो या उसे इस अधिनियम के तहत जारी प्रकार प्रमाणपत्र की आवश्यकता से छूट प्राप्त न हो।

यदि ड्रोन उत्पादक इस प्रावधान का उलंघन करता है तो ड्रोन की बिक्री या अन्य प्रयोग प्रतिबंधित होंगे | 

आज्ञापक सुरक्षा विशेषताएं 

कोई भी व्यक्ति किसी भी ऐसे ड्रोन का निर्माण या संयोजन नहीं करेगा, बिक्री के लिए पेशकश नहीं करेगा, हस्तांतरण नहीं करेगा या हस्तांतरण का कारण नहीं बनेगा, संचालित नहीं करेगा या संचालित नहीं कराएगा,

जिसमें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अनिवार्य सुरक्षा और संरक्षा सुविधाएँ शामिल नहीं हैं या जब तक कि ड्रोन को ऐसी आवश्यकता से छूट नहीं दी गई हो, कुछ ड्रोन्स को छोड़ कर अधिकांश ड्रोन में सुरक्षा विशेषताएं आज्ञापक कर दी गई हैं | 

इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति ऐसे मानवरहित विमान प्रणाली(ड्रोन) के प्रकार प्रमाणपत्र में शामिल अनिवार्य सुरक्षा और संरक्षा सुविधाओं की किसी भी कार्यक्षमता को संशोधित, छेड़छाड़ या ख़राब नहीं करेगा।

वाणिज्यिक ऑपरेटरों के लिए आवश्यक हुया रिमोट पायलट प्रमाणपत्र या रिमोट पायलट लाइसेंस (आरपीएल)

ड्रोन उड़ाने की अनुमति कैसे लें? नए क़ानून के तहत यह एक अहम् प्रश्न है | ड्रोन उड़ाने की अनुमति के लिए रिमोट पायलट प्रमाण पत्र लेना पड़ता है |
Image by Lukas Bieri from Pixabay

ड्रोन उड़ाने की अनुमति कैसे लें? नए क़ानून के तहत यह एक अहम् प्रश्न है | ड्रोन उड़ाने की अनुमति के लिए रिमोट पायलट प्रमाण पत्र लेना पड़ता है |

वाणिज्यिक ऑपरेटरों (ड्रोन का संचालन करने वाले लोगों) के लिए DGCA द्वारा जारी रिमोट पायलट प्रमाणपत्र या रिमोट पायलट लाइसेंस (आरपीएल) आवश्यक तथा अनिवार्य होगा | 

बिना वैध लाइसेंस के ड्रोन की उड़ान या संचालन की अनुमति नहीं है | 

आप चाहे जिस कार्य जैसे कि कृषि में कीटनाशक का छिड़काव, कंस्ट्रक्शन साइट का निरीक्षण, ट्रैफिक नियंत्रण, फिल्म या सीरियल निर्माण आदि में ड्रोन का सञ्चालन करना चाहते हैं, तो इसके लिए वैध रिमोट पायलट प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लें | 

DGCA ने रिमोट पायलट प्रमाणपत्र की ट्रेनिंग के लिए रिमोट पायलट ट्रेनिंग संघठनों को मान्यता प्रदान की है जिसकी सूची DGCA की वेबसाइट पर उपलब्ध है | 

ड्रोन संचालन हेतु लाइसेंस के लिए आवेदन कहां करें?

ड्रोन सञ्चालन अवं अन्य  अनुमतियों के लिए DGCA की वेबसाइट पर दिए गए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर आवेदन का प्रावधान किया गया है |
Source:https://dgca.gov.in

व्यावसायिक रूप से ड्रोन का संचालन करने के लिए, उपयोगकर्ता को नीचे दी गई प्रक्रिया को अपनाना होगा:

 1. डीजीसीए द्वारा अनुमोदित किसी भी नजदीकी रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन से प्रशिक्षण पूर्ण करें।

2 . प्रशिक्षण पूर्ण  करने के बाद आवश्यक निर्धारित लिखित और व्यावहारिक परीक्षा उत्तीर्ण करें।

3. DGCA की वेबसाइट पर दिए गए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर रिमोट पायलट सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करें ।

DGCA  द्वारा  कुछ दूरथ पायलट प्रशिक्षण संगठन को अधिकृत किया गया है |  

Digital Sky Zones” (ग्रीन, येलो, रेड ज़ोन) क्या है ?

हवाई क्षेत्र मानचित्र को तीन रंगों में विवाजित किया गया है तथा ये क्षेत्र है  हरा क्षेत्र ,पीला क्षेत्र  तथा लाल क्षेत्र | ड्रोन उड़ान के लिए किसी क्षेत्र में आवश्यक अनुमति पहले से ही निर्धारित रंग क्षेत्र के आधार पर प्रदान की जाती है | 

हवाई क्षेत्र मानचित्र को तीन रंगों में विवाजित किया गया है तथा ये क्षेत्र है  हरा क्षेत्र ,पीला क्षेत्र  तथा लाल क्षेत्र |
Source: Canva

ग्रीन क्षेत्र - 

इस क्षेत्र में पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है|

पीले क्षेत्र

इस क्षेत्र में प्रत्येक उड़ान से पहले अनुमति की आवश्यकता  लेनी पड़ती है| 

लाल क्षेत्र

इस क्षेत्र में किसी भी तरह के ड्रोन  को उड़ाने की अनुमति नहीं प्रदान की जाती है | ये उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित होते हैं | 

यह नक्शा डिजिटल स्काई प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव अपडेट किया जाता है । इसकी जाँच किए बिना उड़ान भरने पर जुर्माना लग सकता है या ड्रोन ज़ब्त हो सकता है।

डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर इस नक्से के सम्बन्ध में लाइव अपडेट होता है अर्थात समय के अनुसार इसमें बदलाव संभव है | 

ड्रोन का सञ्चालन करने से पहले  इसका पता लगा लेना आवश्यक है क्यों कि यदि इस नक्से के अनुसरण में आप ड्रोन संचालित नहीं करते हैं अर्थात आप पीला क्षेत्र में अनुमति नहीं लेते हैं या आप लाल क्षेत्र ड्रोन उड़ान हेतु निषिद्ध घोषित क्षेत्र में ड्रोन उड़ाते है तो आपका ड्रोन जप्त किया जा सकता है तथा सजा या जुर्माना भी हो सकता है | 

अनिवार्य बीमा व्यवस्था 

वाहनों की की तरह ड्रोन संचालकों और स्वामियों के लिए तीसरा पक्ष बीमा को आज्ञापक बनाया गया है | भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) बीमा के क्षेत्र में बड़ा नाम है | |
Source :By Life Insurance Corporation Of India 

वाहनों की की तरह ड्रोन संचालकों और स्वामियों के लिए तीसरा पक्ष बीमा को आज्ञापक बनाया गया है | इससे दुर्घटनाओं की स्तिथि में पीड़ितों के लिए मुआवजा सुनिश्चित करने के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं | 

कोई भी व्यक्ति ड्रोन का संचालन नहीं करेगा, जब तक कि वह किसी तृतीय-पक्ष बीमा पॉलिसी द्वारा कवर न हो तथा जो केंद्र सरकार द्वारा इस संबंध में निर्दिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करती हो।

ड्रोन से होने वाली हानि के सम्बन्ध में छतिपूर्ति के इस प्रावधान की अत्यधिक आवश्यकता थी | जिसे नए कानून द्वारा पूरा किया गया है | सामाजिक क़ानून के रूप में यह ड्रोन कानून 2025 का सबसे बेहतरीन प्रावधान है |  

बदलावों की जरूरत क्यों ?

ड्रोन सम्बंधित वर्ष 2021 के नियमों में समयानुकूल कई आवश्यक प्रावधानों का अभाव था |  ऐसी स्थति में उन अभावो को समाप्त करने और क़ानून को अधिक उपयोगी और प्रभावी बनाने के लिए ड्रोन सम्बन्धी पुराने नियमों में बदलाव की अत्यधिक आवश्यकता थी | जिसे ध्यान में रखते हुए निम्नांकित कारणों से बदलाव आवश्यक था :-

सुरक्षा और सार्वजनिक हित 

ड्रोन संचालन से जुडी अनियंत्रित गतिविधियाँ देश और समाज की सुरक्षा और सार्वजनिक हित के किये गंभीर खतरा बन सकती हैं, जैसे कि हवाई क्षेत्र में टकराव या संवेदन शील क्षेत्रों में घुसपैठ आदि | 

गोपनीयता एवं निजता का ख़तरा 

कैमरे युक्त ड्रोन क़ानून विरोधी निगरानी या आँकड़े संग्रह में सक्षम होते हैं | अनियमित और गैरकानूनी ड्रोन गतिविधियों से गोपनीयता के अधिकार के उलंघन की सम्भावनाये रहती हैं | जिससे आम आदमी संकट में पढ़ सकता है | इसलिए बदलाव आवश्यक थे | 

ड्रोन उद्योग को प्रोत्साहन 

भारत में सरकार की ड्रोन प्रोत्साहन की नीतियों के चलते ड्रोन का भविष्य अत्यधिक उज्जवल प्रतीत होता है |
Image by Gábor Adonyi from Pixabay

विभिन क्षेत्रों में बढ़ती ड्रोन सञ्चालन की लोकप्रियता ने ड्रोन बाजार में अत्यधिक सम्भावनायें पैदा कर दी हैं | 

यद्यपि वर्ष 2021 के ड्रोन नियमों में भी ड्रोन उद्योग को प्रोत्साहन दिए जाने के प्रावधान थे | 

लेकिन इनकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए और अधिक सुधार की जरूरत महसूस की गई | जिसे इस नए क़ानून द्वारा दूर करने का प्रयास किया गया है | 

भारत में सरकार की ड्रोन प्रोत्साहन की नीतियों के चलते ड्रोन का भविष्य अत्यधिक उज्जवल प्रतीत होता है |   

ड्रोन दुर्घटनाओं पर जवाबदेही 

ड्रोन दुर्घटनाओं या अधिकारों के उललंघन की स्थति में नए क़ानून के तहत प्रभावित पक्ष को मुआवजे का प्रावधान किया गया है | यह अत्यधिक महत्वपूर्ण बदलाव है |
Image by Romy from Pixabay

ड्रोन दुर्घटनाओं या अधिकारों के उललंघन की स्थति में नए क़ानून के तहत प्रभावित पक्ष को मुआवजे का प्रावधान किया गया है | यह अत्यधिक महत्वपूर्ण बदलाव है |   

लेकिन इसमें ड्रोन सञ्चालन से किसी व्यक्ति या समूह के निजता या गोपनीयता के अधिकार का उलंघन होता है या ड्रोन को जानबूझ कर एक हतियार के तौर पर उपयोग किया जाता है | इन स्थतियों में हुए उलंघन और अपराध के लिए नए ड्रोन कानून 2025 में कोई प्रावधान दृश्टिगोचर नहीं होता है | इस विषय पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए | 

ड्रोन दुर्घटना में मुआवजे के लिए दावा कहाँ करना पड़ेगा ?

ड्रोन के उपयोग से उत्पन्न होने वाली दुर्घटनाओं, किसी तीसरे पक्ष की संपत्ति को होने वाली हानि या क्षति, या दोनों से संबंधित दुर्घटनाओं के संबंध में मुआवजे के दावों पर निर्णय देने के उद्देश्य से दावा मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण में करना पडेगा । 

यह दावा मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 165 के अंतर्गत किया जा सकेगा | 

ड्रोन दुर्घटना में मुआवजे की धनराशि और प्रक्रिया क्या है ?  

बीमा कंपनी, दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर, ऐसी दुर्घटना से संबंधित दावों का निपटान करने के लिए एक अधिकारी को नामित करेगी।

मानवरहित विमान प्रणाली का स्वामी या प्राधिकृत बीमाकर्ता, मानवरहित विमान प्रणाली के उपयोग से उत्पन्न किसी दुर्घटना के कारण मृत्यु या

गंभीर चोट लगने की स्थिति में, कानूनी उत्तराधिकारियों या पीड़ित को, जैसा भी मामला हो, मृत्यु की स्थिति में ढाई(2 1/2) लाख रुपये या गंभीर चोट लगने की स्थिति में 1 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी होगा।

यदि आप प्रतिषिद्ध फ्लाई जोन में  ड्रोन उड़ाते हैं तो क्या होगा ?

यदि कोई  निषिद्ध या नो फ्लाई जोन में ड्रोन उड़ाकर क़ानून का उल्लंघन करता है तो उसके लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है | प्रथम अपराध की स्थति में 3 महीने की सजा या 50 हजार रूपये का जुर्माने का प्रावधान है | 

दुबारा अपराध करने पर 6 महीने की सजा या 1 लाख रूपये का जर्माने का प्रावधान किया गया है | इसके अलावा कुछ गंभीर उलंघन की स्थति में सजा की अवधि 3 वर्ष तक भी हो सकती है |  

क्या होगा यदि ड्रोन का उपयोग हतियार/सहायता के रूम में होता है ?  

कोई भी व्यक्ति ड्रोन का उपयोग किसी आपराधिक अपराध को अंजाम देने या किसी आपराधिक अपराध को अंजाम देने में सहायता करने के लिए हथियार के रूप में नहीं करेगा। 

अन्यथा की स्थति में यह संज्ञेय और असंयोज्य अपराध होगा, और इसके लिए तीन वर्ष तक का कारावास या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

उपकरण, रिकॉर्ड, दस्तावेजों की जप्ती का प्रावधान क्या है ?

ड्रोन कानून के उलंघन की शिकायत मिलने पर DGCA  या पुलिस अधिकारी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, रिकॉर्ड या दस्तावेज जप्त कर सकते हैं | इस शक्ति को विशेष रूप से सुरक्षा या सार्वजनिक खतरे की स्थति में उपयोग में लाया जा सकता है | 

ड्रोन सम्बन्धी सरकार की क्या योजनाए हैं ?

"नमो ड्रोन दीदी" योजना 

कृषि उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ड्रोन का भारत में भरपूर उपयोग हो रहा है जिसमे सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन की खरीददारी पर बहुत अच्छी सब्सिडी प्रदान कर रही है |
Image by DJI-Agras from Pixabay

सरकार द्वारा 2024 में महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना 'नमो ड्रोन दीदी' को मंजूरी दी गई है। 

इस DAY-NRLM  तहत 2024-25 से 2025-26 की अवधि के दौरान 14500 चयनित महिला SHG को कृषि उद्देश्यों (वर्तमान में तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग) के लिए किसानों को किराये की सेवाएँ प्रदान करने हेतु ड्रोन उपलब्ध कराना है। 

सरकार द्वारा 2024 में महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना 'नमो ड्रोन दीदी' को मंजूरी दी गई है।
Source:इंडिया.सरकार.भारत/spotlight/नमो-ड्रोन-दीदी

इसके लिए  सरकार ने 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है। इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उड़ान के लिए पायलट के रूप में आवश्यक ट्रेनिंग भी दी गई | 

जिसके कारण वे आज कृषि उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सफलता पूर्वक ड्रोन उड़ानों को अंजाम दे रही हैं | 

नमो ड्रोन दीदी योजना के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ट्वीट भी किया है | यह योजना महिलाओं को कृषि उत्पादन में सशक्त बनाएगी | 

नमो ड्रोन दीदी योजना की मुख्य विशेषताएं

ड्रोन खरीद के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन की लागत का 80 % तक सब्सिडी के रूप में 8 लाख रूपये तक देने का प्रावधान | 

ड्रोन की शेष लागत के लिए ऋण की सुविधा और यह ऋण मात्रा 3% पर होता है | ड्रोन पैकेज के रूप में ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण भी मिलता है | किसानो को ड्रोन स्प्रे सेवा किराए पर दी जाती है | जो आय का एक श्रोत होता है |

क्या है नए ड्रोन क़ानून 2025 का सर्वाधिक लचर पहलू ?

नए कानून में ड्रोन से हुई मृत्यु के लिए मुआवजे के रूप में  मात्रा ढाई लाख रूपये प्रदान किये जाने का प्रावधान अत्यधिक आपत्ति जनक है | 

इस मॅहगाई के युग में एक भारतीय नागरिक की अकाल मृत्यु की कीमत मात्र ढाई लाख रखी गई है | यह हर भारतीय के लिए अत्यधिक निराशा जनक है | 

इसमें संशोधन की अत्यधिक आवश्यकता है | आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वाश है कि सरकार इस महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान देगी |  

निष्कर्ष :

वर्ष 2025 में लाये गए विधेयक अर्थात ड्रोन कानून भारत में ड्रोन संचालन, उनका स्वदेसी उत्पादन, आयात और निर्यात तथा दुर्घटना की स्तिथि में उत्तरदायित्व को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और जबाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्व पूर्ण कदम है | 

इन कानूनों में न सिर्फ ड्रोन तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के प्रावधान किये गए है बल्कि नागरिकों की सुरक्षा, निजता और मुआवजे के अधिकारों को भी संरक्षित करने की प्रावधान किये गए हैं | 

अब ड्रोन उपयोगकर्ता, उत्पादक, आयातक और निर्यातक सभी की जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से परिभाषित की गई हैं | जिसमे विशेष तौर पर पंजीकरण, उड़ान अनुमतियाँ, नो-फ्लाई ज़ोन, और ड्रोन पायलट की जिम्मेदारियों को शामिल किया गया है | 

इन नए कानून 2025 के तहत नियमो का पालन आवश्यक है, अन्यथा की स्थति में सजा और आर्थिक दंड के भी प्रावधान किये गए हैं | इससे स्पष्ट है कि भारत में ड्रोन तकनीकी के सुरक्षित और टिकाऊ विकास की नींब रखी गई है |  

 यह लेख औली के जन्मदिन को समर्पित है | लेख पर अपने विचार साझा करना न भूलें | आप हमसे जुड़े रहिए | 

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