पूर्व प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह ने अच्छे स्वास्थ्य को देश के प्रत्येक नागरिक का अक्षुण्य मानव अधिकार बताया था | स्वास्थ्य के मानव अधिकार को अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार लिखितों में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है |
जिसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य का अधिकार प्राप्त है | जिसके सम्बन्ध में यह सदस्य देशों पर निर्भर करता है कि अपनी आर्थिक सीमाओं में रहते हुए अपने नागरिकों को स्वास्थ्य का अधिकार विधिक रूप में प्रदान करें |
आयुष्मान भारत पहल, जिसे प्रधान मंत्री जन-आरोग्य योजना के नाम से भी जाना जाता है, को मात्र एक सरकारी स्वास्थ्य योजना के रूप में नहीं समझा जा सकता है, बल्कि यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है |
यह योजना स्वास्थ्य को मानव अधिकार के रूप में सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।भारत सरकार ने इस योजना का उद्द्घाटन वर्ष २०१८ में किया था |
स्वास्थ्य देखभाल/सेवाओं तक सबकी पहुंच तथा डिजिटल समाधान विषय पर नीति आयोग, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग(एनएचआरसी),नई दिल्ली के सौजन्य से 6 सितम्बर 2024 को आयोजित एक राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में एनएचआरसी के जनरल सेक्रेटरी श्री भारत लाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सभी हितधारकों को एक मंच पर आने की आवश्यकता है, जिससे कि सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा एक हकीकत बन सके | उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सेवा एक बुनियादी मानव अधिकार है |
आयुष्मान भारत योजना
विश्वभर में आम आदमी के जीवन उच्चस्तरीय बनाने के लिए सयुक्त राष्ट्र महासभा ने सतत विकाश लक्ष्यों को वर्ष 2015 में तय किया था | इन लक्ष्यों को समय बद्ध तरीके से पूरा करने के लिए वर्ष 2030 निर्धारित किया गया |
भारत भी सयुंक्त राष्ट्र संघ का सदस्य होने के नाते उक्त लक्ष्यों को समय से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है | इसलिए भारत द्वारा अपनी प्रतिबद्धता के चलते वर्ष 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति की सन्तुति की गयी जिसके तहत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का लक्ष्य रखा गया |
विशेष रूप से आयुष्मान भारत देखभाल के दो घटक हैं | प्रथम घटक के रूप में स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र हैं तथा दूसरे घटक के रूप में प्रधान मंत्री जन-आरोग्य योजना को स्थान दिया गया है |
तत्कालीन सरकार द्वारा फरवरी 2018 में तकरीबन 1 ,50 ,000 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों को स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र के रूप में बदलने की घोषणा की गयी |
जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की व्यापकता को विस्तार देना था जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक आम-जन की आसान पहुंच हो सके तथा स्वास्थ्य सेवाएं घर -घर तक पहुंच सके |
इसके अलावा उक्त योजना का लोगों की बीमारियों के इलाज के साथ -साथ उन्हें स्वास्थ्य बनाये रखने अर्थात उन्हें बीमार न होने देने पर अधिक जोर देना रहा है | इसी लिए शायद स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र में कल्याण शब्द जोड़ा गया |
स्वास्थ्य योजना के दूसरे घटक प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना का शुभारम्भ 23 दिसंबर 2018 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था | इस योजना के तहत प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रूपये तक का बीमा कवर प्रदान किया जाता है | इस योजना का सम्पूर्ण खर्च सरकार द्वारा उठाया जाता है |
इस योजना के तहत अस्पताल में मरीज के भर्ती होने के तीन दिन पहले से 15 दिन बाद तक खर्चे बहन किये जाते हैं | इस योजना का लाभ लाभार्थी भारत में सूचीबद्ध किसी भी अस्पताल में ले सकता है | यह सम्पूर्ण चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था नकदी रहित उपचार के तहत है |
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य एक समान, सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थय देखभाल सेवाओं को आमजन तक बिना किसी विभेद के पहुँचाना है |
स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की सार्वभौमिक पहुंच की उपलब्धता का सिद्धांत सभी लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच के लिए मानव अधिकार सिद्धांतों के तहत जबाबदेही और उत्तरदायित्व तय करता है |
उसी प्रकार आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य के अधिकार से वंचित गरीब लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाना है |
इसके अलावा शासन की नीतियों में स्वास्थ्य सम्बन्धी मानव अधिकार सरोकार और संवेदनाओं को संकल्प से सिद्धि तक पहुँचाना तथा समाज के समावेशी विकास को बल देना है |
आयुषमान कार्ड बनवाने की पात्रता क्या है ?
नियमानुसार वे लोग आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए पात्र हैं जो असंगठित क्षेत्र में कार्य करते हैं तथा ईएसआईसी या पीएफ का लाभ नहीं लेते हैं या फिर गरीबी रेखा या उससे नीचे जीवन यापन कर रहे हैं |
70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिक बिना किसी आय की सीमा के आयुष्मान कार्ड बनाने की पात्रता रखते हैं |
आयुष्मान कार्ड कैसे बनता है ?
आयुष्मान भारत प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना के तहत पात्रता की शर्तों को पूर्ण करने वाला लाभार्थी पूरे वर्ष कभी भी अपना आयुष्मान कार्ड बनवा सकता है |
यह कार्य लाभार्थी स्वयं आयुष्मान ऍप का उपयोग करते हुए कर सकता है या वह जनसेवा केंद्र या सीएससी या सूचीबद्ध अस्पताल में जाकर बनवा सकता है |
डिजिटल तकनीकी से योजना तक आसान पहुंच
हर आमजन के जीवन की गुणवत्ता में सुधार और उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने में आधुनिक प्रौद्योगिकी की क्षमताओं का उपयोग किया जाना समय की मांग है | वर्तमान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण पर विशेष बल दे रही है |
आयुष्मान भारत योजना को समाज के सबसे निचले पायदान तक पहुंचाने के लिए डिजिटल तकनीकी का बेहतर उपयोग किया जा रहा है | डिजिटल तकनीकी के कारण आम आदमी की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान हुयी है तथा इसका दायरा भी अत्यधिक व्यापक हुया है |
आधार कार्ड के आधार पर आयुष्मान भारत योजना के लिए पात्रता की जांच की जाती है तथा साथ-साथऑनलाइन ही आयुष्मान भारत सेवा प्रदाता अस्पताल सम्बंधित सूची भी उपलब्ध हो जाती है |
योजना डिजिटल तकनीकी पर आधारित होने के कारण सुयोग्य लाभार्थियों को योजना का लाभ बिना किसी परेशानी और देरी के प्राप्त हो जाता है |
डिजिटल तकनीकी के उपयोग से आम आदमी की आयुष्मान भारत योजना तक पहुंच बहुत ही आसान हुयी है | जिससे स्वास्थ्य के मानव अधिकार का लाभ जन -जन तक पहुंच रहा है |
एक कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ श्री बसंत गर्ग ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत डिजिटल तकनीक के उपयोग से 55 करोड़ लोगों तक पहुंचने में मदद मिली |
आयुष्मान भारत पहल का विस्तार
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को विस्तार देते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितम्बर ,2024 को 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज का प्रावधान कर दिया |
जिसके तहत किसी भी वरिष्ठ नागरिक की आय नहीं देखी जाएगी | इस विस्तारित निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा कवरेज से करीब 4.5 करोड़ परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है तथा इसमें लगभग 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिक समाहित होंगे |
70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक नए और विशिष्ट कार्ड देने का प्रावधान किया गया है |
आयुष्मान भारत प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना में पहले से ही कवर किये जा रहे वरिष्ठ नागरिकों को ५ लाख रूपये तक का अतिरिक्त टॉप -अप कवर मिलेगा तथा इस टॉप-अप कवर में 70 वर्ष से काम आयु के अन्य परिवारीजनों को शामिल नहीं किया जाएगा |
लाभार्थी सम्पूर्ण भारत में कही भी इस योजना का लाभ ले सकता है अर्थात लाभार्थी को अपने उपचार के लिए किसी भी अस्पताल में नकद धन ले कर नहीं जाना है बल्कि इसमें लाभार्थी नकदी रहित उपचार के लिये भारत के किसी भी भाग में सूचीबद्ध सार्वजानिक या निजी या सार्वजनिक और निजी भागीदारी से संचालित अस्पाताल में जा सकता है |
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार 31 दिसंबर, 2024 तक 36 ,35 ,23 ,369 आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं |
आयुष्मान भारत के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं को प्रदान करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पातालों की एक विस्तृत श्रंखला को जोड़ा गया है |
इस योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारकों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा 17,102 सार्वजनिक अस्पतालों और 13,875 निजी अस्पतालों अर्थात कुल मिलाकर 30,977 अस्पतालों को ससक्त तथा सूचीबद्ध किया गया है | जिनके द्वारा जन-जन तक भरोसेमंद और उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है |
पीएम -जय योजना के तहत लाभ पाने के लिए तकरीबन 12 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवार पात्रता रखते है | जिसमे करीब 55 करोड़ लाभार्थी लाभ पाने के लिए पात्र है |
स्वास्थ्य का मानव अधिकार
आजकल विश्व स्तर पर जो देश अपने नागरिकों के मानव अधिकारों का जितना अधिक सम्मान करता है उसका विकास के सम्बन्ध में वैश्विक मानव अधिकार पैमाना उतना ही ऊँचा होता है अर्थात देश के विकास को उस देश में मानव अधिकारों के सम्मान,संरक्षण, और पूर्ती के रूप में आँका जाता है |
किसी भी शासन व्यवस्था के लिए स्वास्थ्य के मानव अधिकार को आत्मसात करना और उसे सैद्धांतिक परिपेक्ष्य से बाहर निकाल कर वास्तविक धरातल पर क्रियान्वयन करना, नागरिकों के मानव अधिकार का वास्तविक सम्मान होता है |
सर्वप्रथम मानव अधिकारों पर विश्वभर में स्वीकार्य अंतराष्ट्रीय दस्तावेज मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा, 1948 में २ दर्जन से अधिक मानव अधिकारों का जिक्र किया गया है | इन अधिकारों में स्वास्थ्य के मानव अधिकार को भी अन्य मानव अधिकारों के समान महत्व दिया गया है |
उक्त घोषणा के अनुछेद 25 में स्पष्ट रूप में इंगित किया गया है कि , " प्रतियेक व्यक्ति को एक ऐसे जीवन स्तर का अधिकार है जो स्वयं उसके और उसके परिवार के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए उपयुक्त हो ,जिसमे भोजन,वस्त्र, आवास और चिकित्सा सम्बन्धी देखरेख की उचित सुविधा तथा आवश्यक सामाजिक सेवाओं की व्यवस्था का ,और बेरोजगारी, बीमारी, शारीरिक अक्षमता, वैधव्य, बुढ़ापा या उसके बस से बाहर की अन्य ऐसी परिस्थितियों में, जिसमे वह अपनी जीविका अर्जित करने में असफल हो जाय, सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था का समावेश है | "
इस घोषणा में दिए गए मानव अधिकार सयुंक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों के लिए उनके यहाँ प्रसाशन में उपयोग किये जाने वाले सिद्धांतों के रूप में मान्य थे |
किसी भी सदस्य देश पर उक्त मानव अधिकार बाध्यकारी प्रभाव नहीं रखते थे इस लिए उनका अपने यहाँ की नीतियों में समावेश उनकी इच्छा पर निर्भर था कि वह उनका अनुपालन करे या ना करे |
इसलिए मानव अधिकारों को सदस्य देशों में गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रसंविदाओं को अंगीकृत किया गया |
आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक अधिकारों से सम्बंधित अंतराष्ट्रीय प्रसंविधा को सयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने अंगीकृत कर उसे 1976 से प्रभावी किया गया | भारत भी इस प्रसंविदा का सदस्य देश है |
इस प्रसंविदा के अनुछेद 12 में स्वास्थ्य के अधिकार को रखा गया | इसके अनुछेद 12 (1) में इंगित किया गया है कि, " इस प्रसंविदा के पक्षकार राज्य स्वीकार करते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के उच्चतम प्राप्त स्तर को उपयोग करने का अधिकार है |"
उक्त के अतिरिक्त अनुछेद 12 (2 )(घ ) में कहा गया है कि इस प्रसंविदा के पक्षकार राज्य स्वास्थ्य के अधिकार को पूर्ण रूप से चरिथार्त करने के लिए जो उपाय करेंगे उनमे बीमारी होने पर सभी के लिए चिकित्सा सम्बन्धी सेवा और शुश्रुषा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपायों का समावेश होगा |
अर्थात सरल शब्दों में कहा जाय तो उपरोक्त अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार विधि में स्वास्थ्य के मानव अधिकार सम्बन्धी प्रावधान से स्पष्ट है कि उक्त प्रसंविदा के पक्षकार राज्य किसी भी प्रकार की महामारी या बीमारियां होने की स्तिथि में बिना किसी भेद भाव के सभी के लिए चिकित्सा सम्बन्धी सेवा और शुश्रुषा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव आवश्यक उपाय करेंगे जिससे सभी नागरिक स्वास्थ्य के अधिकार के सैद्धांतिक रूप का व्यवहारिक रूप में आभास कर सकें |
इस प्रसंविदा की उद्देशिका में स्पष्ट रूप में कहा गया है कि सयुंक्त राष्ट्र अधिकार पत्र के अधीन राज्यों पर मानवाधिकार तथा स्वतंत्रताओं के प्रति सार्वभौमिक सम्मान तथा उसके पालन को बढ़ावा देने का दायित्व है |
निष्कर्ष
प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना से करोड़ों नागरिक, जो आर्थिक या अन्य समस्यायों के चलते अपना या किसी परिवारीजन का इलाज कराने में असमर्थ थे, चिकित्सकीय स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले चुके हैं |
स्वास्थ्य के मानव अधिकार की गारंटी के रूप में यह योजना विश्व की सबसे व्यापक योजना साबित हुई है | आयुष्मान भारत पहल ने स्वास्थ्य के मानव अधिकार को सिद्धांत और संकल्प से सिद्धि में बदलने का कार्य किया है|
यह योजना गरीब और कमजोर वर्गों के स्वास्थ्य के अधिकार का संवर्धन और संरक्षण करती है क्यों कि यह सस्ती, निशुल्क और आसानी से सुलभ होने के कारण समाज में समानता के सिद्धांत को बढ़ावा देती है |
यदि इस योजना का क्रियान्वयन सही और ईमानदार पहल के साथ किया जाय तो समग्र स्वास्थ्य की अवधारणा के लक्ष्य को आसानी से पूर्ण किया जा सकता है |
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Its very impactfull article in today scnerio
जवाब देंहटाएंबहुत ही अहम एवं ज्ञानवर्धक लेख है। आपके लेख हमेशा ही समाज हित एवं राष्ट्र हित में होते हुए वर्तमान समय के अनुरूप रहते हैं।
जवाब देंहटाएंHappy new year & Congratulations
Very useful article
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